आमतौर पर हम किसी वस्तु के भार और द्रव्यमान को एक ही मान लेते है। किन्तु यह सही नहीं है। विज्ञान की दृष्टि में भार और द्रव्यमान दोनों अलग अलग चिजे होती हैं तो आज हम विस्तृत में जानेगे कि भार क्या होता है ,द्रव्यमान क्या होता है भार व द्रव्यमान में क्या अंतर है ,1 किलो ग्राम किसे कहते है ,|इनसे सबंधित और कई सारे प्रश्नों के भी जबाब जानेगे ,तो चलिए शुरू करते है
भार क्या होता है या भार किसे कहते है
किसी पिंड पर लगने वाले गुरुत्व बल को पिंड का भार कहते है
यानि किसी पिंड के भार में उस पर लगने वाले गुरुत्व बल की मुख्य भूमिका होती है चूकि गुरुत्व बल स्थान के साथ साथ परिवर्तनशील होता है इसलिए पिंड का भार भी स्थान के साथ साथ परिवर्तनशील होगा ।
पृथ्वी के गुरुत्वी त्वरण को हम प्रायः अंग्रेजी भाषा के 'g' अक्षर से दर्शाते है । g का मान पृथ्वी पर ही अलग अलग स्थान पर अलग अलग होता है | g =9.8 मी/से2 होता है
g का मान ध्रुवों के मुकाबले विषुवत रेखा पर अधिक होता है। इसके अतिरिक्त अन्य ग्रहो और उपग्रहों पर भी गुरुत्व बल का मान भिन्न भिन्न होता है। इसी वजह से किसी वस्तु का भार अलग अलग जगहों पर अलग अलग होता है।
भार की गणना कैसे की जाती है
भार का सूत्र
ये तो आप जान ही गये है कि भार का मान गुरुत्वी त्वरण पर निर्भर करता है लेकिन कितना निर्भर है अब हम ये जानेगे
यदि पिंड का द्रव्यमान m हो तो ,
पिंड का भार w = द्रव्यमान x गुरुत्वी त्वरण
भार का मात्रक क्या है ?
उपर्युक्त कथन से
भार का मात्रक = द्रव्यमान का मात्रक x त्वरण का मात्रक
= किलो ग्राम × मीटर /सेकेण्ड2
किग्रा मी/से2 अथवा न्यूटन
अर्थात बल का मात्रक ही भार का मात्रक होता है
आप सोच रहे होगे कि क्या भार कभी शून्य भी हो सकता है ? जी हां भार शून्य भी हो सकता है | ऐसी स्थिति तब होगी जब गुरुत्वा कर्षण बल शून्य होगा |
ऐसी स्थिति अन्तरिक्ष में आती है जहा गुरुत्वाकर्ष बल शून्य होता है जिससे हमें भारहीनता का अनुभव होता है
द्रवमान क्या होता है
किसी वस्तु में उस्पस्थित पदार्थ की मात्रा को उसका द्रव्यमान कहते हैं।
किसी वस्तु के द्रव्यमान पर किसी अन्य बाहरी बल का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है अतः द्रव्यमान हमेशा स्थिर और अपरिवर्तनीय होता है।
यही वजह है कि किसी वस्तु का द्रव्यमान में स्थान परिवर्तन से कोई अंतर नहीं आता। अगर किसी वस्तु का द्रव्यमान पृथ्वी पर 60 किग्रा है , तो किसी अन्य ग्रह या उपग्रह पर भी उस बस्तु का द्रवमान 60 किग्रा ही होगा।
द्रव्यमान का मात्रक किलोग्राम होता है।
किसी वस्तु का द्रव्यमान कभी भी शून्य नहीं हो सकता है।
एक किलो ग्राम किसे कहते है ?
अंतरराष्ट्रीय बांट माप कार्यालय सेव्रे मे रखे गए 0 डिग्री सेंटीग्रेड ताप पर प्लैटिनम इरीडियम धातु के एक पिंड के द्रव्यमान को एक किलोग्राम माना जाता है
पृथ्वी पर किसी वस्तु का भार विषुवत रेखा पर न्यूनतम होता है क्यों की यहाँ गुरुत्व बल भी न्यूनतम होता है
आधुनिक परिभाषा----
परमाणवीय स्केल पर कार्बन-12 (6C12) के 5.0188 × 1025 के परमाणुओं के द्रव्यमान को एक किलोग्राम कहते हैं(alert-success)
अब आप के मन में सवाल उठ रहा होगा कि कंप्यूटर weight मशीन किसी वास्तु का जो मान बताता है ओ भार होता है या द्रव्यमान होता ?
इसका जबाब है द्रव्यमान ,फिर आप कहेगे की द्रव्यमान कैसे ,भार होना चाहिए क्यों कि उस वास्तु को पृथ्वी जिस गुरुत्वाकर्षण बल से खीच रही है उसे ही तो बता रहा है
दरसल आप सही कह रहे है कंप्यूटर weight मशीन भार ही मापती है लेकिन इसके अन्दर पैमाना सेट किया गया होता है कि 9.8 न्यूटन भार के मान को स्क्रीन पर 1 किग्रा दिखाये ,
इस प्रकार हम किसी बस्तु के द्रव्यमान की माप करते है
पृथ्वी पर किसी वस्तु का भार न्यूनतम कहां होता है
पृथ्वी पर किसी वस्तु का भार विषुवत रेखा पर न्यूनतम होता है क्यों की यहाँ गुरुत्व बल भी न्यूनतम होता है
| ध्रुवों पर अधिकतम होता है। पृथ्वी के केंद्र पर गुरुत्वाकर्षण शून्य होता हैइसलिए यहा किसी बस्तु का भार शून्य होता है,
किसी वस्तु का भार चंद्रमा पर पृथ्वी की तुलना में कितना होता है?
जैसा की आप जानते है कि पृथ्वी पर गुरुत्वी त्वरण 9.8 मी/से2 ,मंगल ग्रह पर 3.7 मी/से2 , चन्द्रमा पर 1.6 मी/से2 ,सूरज पर 274 मी/से2 होता है
भार = द्रव्यमान X गुरुत्वी त्वरण
माना किसी वास्तु का द्रव्यमान 10 किग्रा है इसका ......
पृथ्वी पर भार
10 × 9 .8 =98 न्यूटन
मंगल ग्रह पर भार
10 × 3.7 = 37 न्यूटन
चन्द्रमा पर भार
10 × 1.6= 16 न्यूटन
सूरज पर भार
10 × 274 = 2740 न्यूटन
भार तथा द्रव्यमान में अन्तर
क्रम सं . | द्रव्यमान (mass) | भार (weight) |
---|---|---|
1 | किसी बस्तु में उपस्थित पदार्थ की मात्र को द्रव्यमान कहते है | पृथ्वी जिस बल से किसी बस्तु को अपने गुरुत्व केन्द्र की ओर खिचती है उसे उस वस्तु का भार कहते |
2 | S.I पद्धति में द्रव्यमान का मात्रक किलोग्राम होता है | भार का मात्रक S.I पद्धति में न्यूटन होता है |
3 | किसी वास्तु का द्रव्यमान प्रत्येक स्थान पर नियत रहता है | भिन्न भिन्न स्थान पर वस्तु का भार बदलता रहता है |
4 | द्रव्यमान एक अदिश राशि है | भार एक सदिश राशि है |
नमस्ते दोस्तों! आपने अपना किमती वक्त इस पोस्ट को पढ़ने में बिताया इसके लिए आपको धन्यवाद ! आज आपने भार क्या होता है ,द्रव्यमान क्या होता है तथा भार और द्रव्यमान में अंतर के बारे में जाना | हमें उम्मीद है कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा अगर पसंद आया है तो इसे आप अपने सोशल मिडिया प्लेटफ़ॉर्म पर जरुर शेयर करे👇