सिंगल फेज इंडक्शन मोटर
हम सिंगल फेज इंडक्शन मोटर को सेल्फ स्टार्टेड बनाने के लिए कई मेथड का यूज करते हैं विभिन्न स्टार्टिंग मेथड के आधार पर सिंगल फेज इंडक्शन मोटर विभिन्न प्रकार का हो जाता है
सिंगल फेज इंडक्शन मोटर को निम्न विधियों द्वारा सेल्फ स्टार्टेड बनाया जाता है
- Shaded pole मेथड
- Split phase types
- रजिस्टेंस स्प्लिट मेथड
- Capacitor स्प्लिट मेथड
स्टार्टिंग के आधार पर ही सिंगल फेज इंडक्शन मोटर विभिन्न प्रकार के होते हैं
उपरोक्त विधिाओं द्वारा मोटर के स्टार्टिंग के समय इसे अस्थाई रूप से Two फेज मोटर बनाया जाता है इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु इसके स्टेटस पर मेन वाइंडिंग अर्थात रनिंग वाइंडिंग के साथ एक अतिरिक्त वाइंडिंग स्थापित की जाती है जिसे स्टार्टिंग वाइंडिंग कहते हैं यह दोनों वाइंडिंग स्टेटस पर 90 अंश पर स्थापित की जाती है और दोनों वाइंडिंग को समांतर में जोड़कर सिंगल फेज सप्लाई प्रदान की जाती है
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Split phase types motor क्या होता है ?
Split phase types motor उस Motor को कहते है जिसमे single फेज supply को two फेज की भाति उपयोग में लाया जाता है
इस मोटर के वाइंडिंग के प्रतिरोध तथा प्रेरकता को इस प्रकार design किया जाता है कि विद्युत धाराओं Is(starting winding की धारा ), तथा Ir (running winding की धारा ) में लगभग 30° का कलान्तर हो।
यद्यपि इतना कलान्तर Two फेज मोटर की भाँति कार्य करने के लिये पर्याप्त नहीं है तथापि वह व्यवस्था मोटर को starting torque देने के लिए पर्याप्त होती है।
रेजिस्टेंस स्टार्ट सिंगल फेज इंडक्शन मोटर
Resistance Start Single Phase Induction Motor
संरचना Construction
Resistance Start इंडक्शन मोटर के स्टेटर पर दो प्रकार की winding होती हैं।
Starting winding A तथा Running winding M, जो परस्पर 90° विद्युत अंश (electrical degree) पर स्थित होती है।
Starting Winding A या तो काफी उच्च प्रतिरोध मान का बनाया जाता है या उसके श्रेणी क्रम में एक उच्च का प्रतिरोध R जोड़ा जाता है।
उच्च प्रतिरोध युक्त इस starting winding को एक अपकेन्द्र स्विच S द्वारा परिपथ से जोड़ा व अलग किया जा सकता है। resistance R तथा स्विच S युक्त starting winding मुख्य कुण्डलन ( running winding ) M के समान्तर क्रम में जुड़ा रहता है, जैसा की आप चित्र में देख सकते है।
इस प्रकार की मोटर में उपयोग में लाया जाने वाला रोटर Squirrel Cage Type होता है।
कार्यविधि Working Method of resistance start single phase induction motor
जब इस मोटर को एक फेज AC स्रोत से जोड़ा जाता है तो 90° विद्युत अंश पर स्थित starting व running winding में से starting winding अधिक प्रतिरोधी (more resistive) तथा Running winding अधिक प्रेरणिक (more inductive) होता है, अत: Running winding की विद्युत धारा Ir ,starting windingकी विद्युत धारा Is, की अपेक्षा, प्रयुक्त वोल्टता V से अधिक lagging होती है।
मोटर के वाइंडिंग के प्रतिरोध तथा प्रेरकता को इस प्रकार design किया जाता है कि विद्युत धाराओं Is, तथा Ir में लगभग 30° का कलान्तर हो।
यद्यपि इतना कलान्तर two फेज मोटर की भाँति कार्य करने के लिये पर्याप्त नहीं है तथापि वह व्यवस्था मोटर को starting torque देने के लिए पर्याप्त होती है।
इस Torque द्वारा स्टार्ट की गई मोटर जब अपनी सामान्य चाल का लगभग 80% चाल प्राप्त कर लेती है तो रोटर पर स्थित अपकेन्द्र स्विच S, उसके घूमने से उत्पन्न अपकेन्द्र बल से प्रभावित होकर,starting winding को परिपथ से अलग कर देता है और मोटर single फेज इंडक्शन motor के सिद्धान्त पर कार्य करती हुई गतिशील बनी रहती है।
अनप्रयोग Applications of resistance start single phase induction motor
इस प्रकार की मोटरें 1/6 H.P. से 1/3 H.P. तक के रूपों में उपलब्ध होती हैं। चूँकि इनका प्रारम्भन बलाघूर्ण starting torque काफी कम होता है, अत: यह मोटर ग्राइंडर, प्रतिलिपि मशीन, पम्प, पंखा आदि ऐसे स्थानों पर उपयोग में लाई जाती है, जहाँ कम starting torque की आवश्यकता होती है।
Ji हां दोस्तों , आपने अपना किमती वक्त इस पोस्ट को पढ़ने में बिताया इसके लिए आपको धन्यवाद ! आज आपने Single Phase induction motor in Hindi व इसके Construction ,working के बारे में जाना | हमें उम्मीद है कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा अगर पसंद आया है तो इसे आप अपने सोशल मिडिया प्लेटफ़ॉर्म पर जरुर शेयर करे