Binary Number system क्या है


हम सभी जिस संख्या प्रणाली से भली भांति परिचित है उसे डेसीमल नंबर सिस्टम कहते हैं | जिसमें किसी भी संख्या को प्रदर्शित करने के लिए 1 ,2 ,3 ,4 ,5 ,6 ,7 ,8 तथा 9 अंक प्रयोग किए जाते हैं

डेसीमल प्रणाली के अतिरिक्त कुछ अन्य संख्या प्रणाली भी है जो निम्न प्रकार है -


  •  बाइनरी संख्या प्रणाली
  •  ऑक्टल  संख्या प्रणाली
  •  हेक्साडेसिमल संख्या प्रणाली


Binary Number  system क्या है



 लेकिन आज हम बात कर रहे हैं सिर्फ बाइनरी नंबर सिस्टम की ,
तो आज  हम  बाइनरी संख्या प्रणाली के बारे में ही सब कुछ जानेगे ….
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Binary Number  system क्या है 


इस प्रणाली में केवल दो अंक तथा 1 प्रयोग किए जाते हैं अतः इस प्रणाली के आधार संख्या  2  है , 
बाइनरी  अंक  0  तथा  1 बिट्स कहलाते हैं 

उदाहरण के रूप में 10101 एक बाइनरी संख्या है क्योंकि इसमें केवल 0 तथा 1 अंकों का ही प्रयोग किया गया है इसी प्रकार 10101.1 101 भी एक बाइनरी संख्या है | 
संख्या में 10101 के पश्चात प्रयुक्त बिंदु (. ) बाइनरी  पॉइंट कहलाता  है बाइनरी  बिंदु के बायी  तथा दाई ओर के  स्थान के मान 2  बढ़ती हुई तथा घटती हुई   घात  पर निर्भर करते हैं 


अगर   आपको  उपर्युक्त कथन  समझने में परेशानी आ रही है तो आगे हम बाइनरी संख्या को डेसिमल संख्या में बदलना सीखेंगे जिसमें आपको सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा




बाइनरी संख्या को डेसिमल संख्या में बदलना 


Converting  Decimal  to  Binary  in  hindi 


  किसी बाइनरी संख्या का डेसीमल मान  निम्न प्रकार से ज्ञात किया जाता है
बाइनरी   (101011)2    = 1 × 25 +0 × 2+1 × 23 +0 × 22+1 × 21 ×+1× 2
=32+0+8+0+2+1
=(43)10 

इसी प्रकार भिन्नात्मक (Fractional ,दशमलव  वाली संख्या ) बाइनरी संख्या को डेसिमल संख्या में परिवर्तित करने के लिए बाइनरी पॉइंट के दाएं  और के अंगों को क्रमशः 2-1 ,  2-2  ,2-3  इत्यादि से गुणा किया जाता है

Ex (0.10101)2    = 1 × 2-1 +0 × 2-2  +1 × 2-3 +0 × 2-4+1 × 2-5 

=1/2 + 0 +1/8 + 0 +1/32

=(0.65625)10


 

डेसीमल संख्या को बाइनरी में परिवर्तित करना 


 डेसीमल संख्या को बाइनरी में परिवर्तित करने के लिए दशमलव संख्या को लगातार 2 से विभाजित किया जाता है तथा प्रत्येक विभाजन के पश्चात शेषफल को रिकॉर्ड किया जाता है अंतिम बाइनरी परिणाम प्राप्त करने के लिए सभी शेष फलो  को उल्टे  क्रम में  लिखते है
हम एक उदाहरण  के द्वारा  समझने की कोशिश करते है 

43 को बाइनरी  में निम्न प्रकार परिवर्तन करेंगे –


decimal to binary

(43)10 = 101011

  दशमलव भिन्न को बाइनरी में परिवर्तित करना


इसके लिए दशमलव संख्या  को लगातार 2 से गुणा किया जाता है तथा गुणनफल के दशमलव  से बाये  के अंक नोट किए जाते हैं इन्हें कैरी कहते हैं carry अंको को सीधे क्रम में लिखने पर बाइनरी भिन्न  प्राप्त होती है


decimal point to binary

कैरी  अंको  को क्रमक ने रखने पर ,

(0 . 4375 )10 = (0 . 0 111 )2


ऑक्टल  संख्या को बाइनरी में परिवर्तित करना


ऑक्टल  संख्या को तुल्यांक बाइनरी में परिवर्तित करने के लिए प्रत्येक ऑक्टल  डिजिट के स्थान पर उसके समतुल्य 3 -bit  बाइनरी  संख्या लिखी जाती है 
एक उदाहरण से समझने की कोशिश करते है 


ऑक्टल  संख्या (7423 )8  को बाइनरी में बदलना है 
ऑक्टल संख्या   7             4            2             3   
बाइनरी तुल्यांक  111         100        010        011   
(7423 )8 =(11100010011)2

 हेक्सा डेसीमल  संख्या  को बाइनरी में बदलना 


हेक्सा डेसिमल संख्या को बाइनरी में परिवर्तित करने के लिए हैक्सा  संख्या का प्रत्येक  अंक उसके 4 बिट  बाइनरी तुल्यांक  में लिखा जाता है उदाहरण के रूप में (5A2 )16  को बाइनरी में निम्न प्रकार से  परिवर्तित करते  है

hexa to binary


 


बाइनरी से हेक्सा डेसीमल में परिवर्तन


 बाइनरी से हेक्सा डेसीमल में परिवर्तन करने के लिए दाएं से चार चार बिट्स के समूह बनाए जाते हैं उसके पश्चात प्रत्येक समूह को  उसके हैक्स  तुल्यांक से प्रतिस्थापित  किया  जाता है
बाइनरी  संख्या 010111 011001 को हैक्स प्रणाली  में लिखना है 


binary to hexa


 

बाइनरी संख्याओं का योग 


अभी तक हम सभी डेसीमल  संख्याओं को प्रयुक्त कर गणितीय  क्रियाओ जैसे जोड़ने ,घटाने गुणा करने तथा भाग करने कि विधि से भली -भाति  परिचित है | 
बाइनरी संख्याओं पर भी ये सभी ऑपरेशन  किये जा सकते है | 
बाइनरी योग (addition )के निमय निम्न है – 

0 +0 = 0 

0 +1 = 1 

1 + 0 =1 

1 +1 = 10 


उपरोक्त नियमों में प्रथम  3 नियम सामान्य दशमलव प्रणाली की भाति है परंतु अंतिम  नियम  भिन्न है 
प्रथम तीन  नियमो  में कोई कैरी (carry )हासिल नहीं है परंतु अंतिम नियम  में 1 को 1  में जोड़ने पर 10 प्राप्त होता है इसे हम उत्तर 0  तथा carry 1  कह  सकते हैं
1 +1=10 (उत्तर 0 , carry 1 )
उदाहरण स्वरूप बाइनरी  संख्या 11100 में 11010 को निम्न प्रकार से जोड़ा जाता है

 डेसीमल  योग की क्रियाओं की भाति बाइनरी  योग में भी  carry को अगली उच्च पोज़िशन  पर ले जाया जाता है|  योगी  की क्रिया दाहिने कलम से प्रारंभ की जाती है
ध्यान दीजिये की  चौथे कॉलम में 1 +1 =10  होने के कारण  कैरी  1  उत्पन्न  होती है | इसे  अंतिम कॉलम  में ले जाया गया है  | 
अंतिम कॉलम  में योग करने पर 




बाइनरी संख्याओं का घटाना 


 बायनरी संख्याओं को घटाने के नियम निम्न प्रकार है

0 - 0=0

1 - 0=1

1 - 1=0

10 -1 =1

जब कोई बड़ा  बाइनरी  बिट किसी छोटे बिट से  घटाया जाता है  तब डेसिमल संख्या घटाने  की भांति अगले उच्च मान के  कॉलम से “1”  borrow किया जाता हैं उदाहरणतः संख्या 1101 से 1010 घटने की क्रिया निम्न  प्रकार से की जाती है ``

द्वितीय कॉलम में 0 में से 1 घटना है अतः अगले उच्च मन के कॉलम (तीसरे ) से बारो कीजिये | तीसरे कॉलम में "1 " बारो करने पर संख्या 1101 के स्थान पर 1001 रह जायेगा अर्थात

(दाये  से दूसरे कलम में 10 -1 =1 )


चौथे  कॉलम  में बिट्स  घटने पर 



बाइनरी संख्याओं का गुणा करना


 बाइनरी संख्याओं की गुणा करने की विधि डेसिमल गुणा  के समान ही है प्रत्येक बायनरी गुणा की क्रिया में प्राप्त गुणनफल शून्य (शून्य  से गुणा करने पर) अथवा गुणा करने वाली संख्या के बराबर (1  से गुणा करने पर )होता है 

बाइनरी गुणा के नियम निम्न प्रकार है
0×0=0
0×1=0
1×0=0
1×1=0

एक उदाहरण  से समझने की कोशिश करते है---





बाइनरी का भाग 


 बायनरी भाग की क्रिया डेसीमल संख्याओं के भाग की भांति की जाती है
उदाहरणतः हम 1110101 को 1001 से भाग दे कर देखे गे



नमस्ते  दोस्तों! आपने अपना किमती वक्त इस पोस्ट को पढ़ने में बिताया इसके लिए आपको धन्यवाद ! आज आपने Binary Number  system क्या है  के बारे में जाना | हमें उम्मीद है कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा अगर पसंद आया है तो इसे आप अपने सोशल मिडिया प्लेटफ़ॉर्म पर जरुर शेयर करे👇


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