Power Factor का परिचय (Introduction):-
अगर आप यह पोस्ट देख रहे हैं तो जाहिर सी बात है कि आप इलेक्ट्रिकल के क्षेत्र से संबंध रखते हैं। पर आप पावर फैक्टर के बारे
में सिर्फ सुने है लेकिन पढ़ा या समझा नहीं है । इलेक्ट्रिकल के क्षेत्र में
पावर फैक्टर (Power factor
in hindi) का कितना महत्व है यह बात आप अच्छी तरह से नहीं जानते होंगे
।
तो आज इस पोस्ट में हम पावर फैक्टर क्या होता है और कितने प्रकार का होता है और इसका प्रभाव क्या पड़ता है और इसको हम कैसे सुधार सकते हैंऔर बहुत कुछ हम आसान भाषा में समझेंगे।
पॉवर फैक्टर क्या है power factor in hindi
किसी भी परिपथ में पावर फैक्टर उस परिपथ की वास्तविक शक्ति एवं आभासी शक्ति का अनुपात होता है
जो Cosϕ से व्यक्त किया जाता है
Power factor का संख्यात्मक मान शून्य और 1 के बीच में होता है।
Cosϕ = real power / Apparent power
Cosϕ = P (kw ) / VI (kva )
लोड द्वारा लिये गये शक्ति के औसत मान को 'वास्तविक शक्ति' कहते हैं । जबकि आभासी शक्ति (Apparent power) केवल एक गणितीय राशि है जो लोड के सिरों के बीच के वोल्टेज और प्रवाहित धारा के गुणनफल के बराबर होती है।
शक्ति गुणांक यानि पॉवर फैक्टर विभवान्तर तथा धारा के बीच के कलान्तर (phase difference) के कोज्या (cosine) के बराबर होता है।
पावर फैक्टर का मान परिपथ के गुणों पर निर्भर करता है शुद्ध प्रतिरोधी परिपथों हेतु पॉवर फैक्टर का मान इकाई होता है तथा शुद्ध इंडक्टिव तथा शुद्ध शुद्ध कैपेसिटी परिपथ हेतु इस का मान लगभग 0 होता है
पावर फैक्टर विभवान्तर तथा धारा के बीच के कलान्तर (phase difference) के कोज्या (cosine) के बराबर होता है।
शक्ति गुणक = P / S = Cos (ϕ)
अर्थात पॉवर फैक्टर अच्छा होने के लिये जरूरी है कि वोल्टेज और धारा के बीच में phase difference बहुत कम हो।
जब धारा, वोल्टता से पीछे होती है (current lags voltage) तो इसे 'लैगिंग पॉवर फैक्टर' कहते हैं; जब धारा, वोल्टता से आगे होती है तो इसे 'लीडिंग पॉवर-फैक्टर' कहा जाता है।
उद्योगों में
इंडक्शन मोटर
एवं अन्य प्रेरकत्व-युक्त लोडों के कारण शक्ति-गुणांक प्रायः पिछड़ा हुआ
(लैगिंग) ही रहता है।
Low पावर फैक्टर का प्रभाव
दक्षता :-
Low पावर फैक्टर पर विद्युत संचरण लाइनों में I2R हानिया अधिक होने के
कारण विद्युत वितरण दक्षता का मान घट जाता है
धारा :- निम्न शक्ति गुणांक (low power factor)के कारण AC मशीनों में धारा का मान
बढ़ जाता है जिससे विद्युत मशीनें गर्म होकर नष्ट हो सकती है
वोल्टेज ड्रॉप :- Low पावर फैक्टर में धाराप्रवाह अधिक होने लगता है जिससे संचरण लाइन तथा वितरण लाइन के में वोल्टेज की हानि हो जाती है
⇨ सिंगल फेज इंडक्शन मोटर क्या होता है
पावर फैक्टर को ठीक करने की विधियां
- स्टैटिक कैपेसिटर
- सिंक्रोनस कंडेंसर
- फेज एडवांसर
स्टैटिक कैपेसिटर ( static capacitor)
कैपेसिटर का कनेक्शन 3 फेज सिस्टम के लिये
|
लेगिंग पावर फैक्टर वाली लाइनों के परिपथ में स्टैटिक कैपेसिटर का प्रयोग
थ्री फेज सिस्टम के लिए स्टार अथवा डेल्टा तथा सिंगल फेस सिस्टम के लिए
सिस्टम के परिपथ के समांतर क्रम में किया जाता है
क्योंकि स्टैटिक कैपेसिटी लाइन की वोल्टेज से 90° Leading धारा ग्रहण कर परिपथ में लगे लोड के प्रतिकारी घटक (reacting component) (iSinϕ) का निराकरण कर देती है
माना 1 फेज परिपथ में
V = सप्लाई वोल्टेज
क्योंकि स्टैटिक कैपेसिटी लाइन की वोल्टेज से 90° Leading धारा ग्रहण कर परिपथ में लगे लोड के प्रतिकारी घटक (reacting component) (iSinϕ) का निराकरण कर देती है
माना 1 फेज परिपथ में
V = सप्लाई वोल्टेज
I1=लोड धारा
उपरोक्त परिपथ में समांतर क्रम में एक कैपेसिटी C को संयोजित कर देने से कैपेसिटर सप्लाई से leading current (Ic) को ग्रहण कर लेती है
I2 =I1 +Ic
उपरोक्त समीकरण से स्पष्ट है कि धारा I2 का फेज कोण ϕ2 जो धारा I1 के फेज कोणϕ1 से छोटा होगा अतः इस अवस्था में परिपथ का power factor Casϕ1 से Casϕ2 तक बढ़ गया
सिंक्रोनस कंडेंसर SYNCHRONOUS CONDENSER
सिंक्रोनस कंडेनसर का प्रयोग पावर प्लांट, ट्रांसमिशन लाइन के पॉवर फैक्टर को
बढ़ाने के लिए किया जाता है सिंक्रोनस मोटर किसी भी पावर फैक्टर
(leading,unity ,or lagging )पर कार्य कर सकता है
क्योंकि
सिंक्रोनस मोटर में लोड के कारण पावर फैक्टर में कोई प्रभाव नहीं पड़ता है
इसलिए सिंक्रोनस मोटरो का ट्रांसमिशन लाइन अथवा पावर प्लांट में अल्टरनेटर के
परिपथ से जोड़ दिया जाता है
Phase Advancer
फेज एडवांसर एक प्रकार का AC Exciter होता है जो मुख्यता इंडक्शन मोटर के
पावर फैक्टर को बढ़ाने के लिए प्रयोग में लाया जाता है phase advancer के
आंतरिक परिपथ को इंडक्शन मोटर के रोटर परिपथ से जोड़ दिया जाता है जिससे कि
रोटर परिपथ को चुंबकीय फ्लक्स फेज एडवांसर द्वारा प्रदान होता रहता
है
इस प्रकार इंडक्शन मोटर में रोटर परिपथ द्वारा चुंबकीय फ्लक्स उत्पन्न
करने हेतु ली गई धारा मेन सप्लाई से न होकर फेज advancer द्वारा लिया जाता
है इस प्रकार मोटर का पावर फैक्टर reactive घटक के कम हो जाने से बढ़ जाता
है
Ji हां दोस्तों , आपने अपना किमती वक्त इस पोस्ट को पढ़ने में बिताया
इसके लिए आपको धन्यवाद ! आज आपने
"Power Factor क्या है"के बारे में जाना | हमें उम्मीद है कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा
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