यूनिवर्सल मोटर क्या है ? universal motor in Hindi

universal motor in hindi

यूनिवर्सल मोटर क्या है ?


यूनिवर्सल मोटर की संरचना मूल रूप से डीसी सीरीज मोटर के समान ही होती है

यूनिवर्सल मोटर की डिज़ाइन ए०सी० तथा डी०सी० दोनों के लिए की जाती है, जबकि अन्य मोटर्स में ऐसा नहीं होता है, इसमें दोनों प्रकार के विद्युतों (A.C./D.C.) पर समान सप्लाई वोल्टता के लिए समान गति तथा समान आउटपुट प्राप्त होता है। 

विषय सूची(toc)

संरचना (Construction of universal motor )

मोटर के अंग (Parts of Motor)

  • स्थाता अंग (Stator parts) स्थिर रहने वाला भाग :-


(i) फ्रेम अथवा योक (Frame or yoke)

(ii) ध्रुव नाल (Pole shoe)

(iii) ध्रुव क्रोड (Pole core)

(iv)पोल वाइंडिंग (Pole winding)

(v) अंत्य पट्टे (End plates)

(vi) ब्रश यन्त्रावली (Brush gear)

(vii) कार्बन ब्रश (Carbon brush)



  • घूर्णक अंग (Rotor parts) घुमने वाला भाग :-
  1. धुरा या शाफ्ट (Shaft)
    universal motor rotor

  2. धुरा कुंजी (Shaft key)
  3. आर्मेचर क्रोड (Armature core)
  4. आर्मेचर दांते (Armature teeth)
  5. आर्मेचर खाँचे (Armature slots)
  6. आर्मेचर वाइंडिंग (Armature winding)
  7. कम्यूटेटर (Commutator)


यूनिवर्सल मोटर की संरचना मूलरूप से डी०सी० सीरीज मोटर के समान ही होती है।

भँवर-धारा हानियों (eddy current losses ) को कम करने के लिए इस मोटर में स्टेटर के लौह निर्मित अंगों जैसे योक, पोल शू,.पोल कोर आदि को पटलित पत्तियों (laminated strips) का बनाया जाता है।

प्राय: सभी लौह-पटलित पत्तियाँ एकल खण्ड (single piece) में होती हैं।

इस मोटर का रोटर भी डी०सी० सीरीज मोटर के आर्मेचर की तरह coil wound type होता है। भँवर-धारा हानियाँ कम करने के लिए इसका आर्मेचर कोर भी लोहे की पटलित पत्तियों ( laminated strips) का बना होता है, जिसमें खाँचे (slots) सीधे या तिरछे कटे हुए होते हैं।

आर्मेचर से सटा (लगा) हुआ दिक्परिवर्तक (commutator) होता है, जिससे आर्मेचर-वाइन्डिंग के सिरे जुड़े हुए होते हैं।
universal motor circuit diagram


योक के दोनों ओर  अंत्य पट्टे (end plates) लगे रहते हैं, जिनके केन्द्र पर बियरिंग स्थापित रहती है। इन पर टिकी हुई शाफ्ट घूमती है।कम्युटेटर की ओर अंत्य पट्टे(ढ़कन) से ब्रश दिक्परिवर्तक (Commutator) गियर संलग्न रहता है।

बड़ी यूनिवर्सल मोटर में स्टेटर-वाइन्डिंग के साथ श्रेणी में कॉम्पनसेटिंग वाइंडिंग का प्रयोग होता है; परन्तु छोटी यूनिवर्सल मोटर में इस प्रकार की किसी वाइंडिंग का प्रयोग नहीं होता; क्योंकि इसमें दिक्परिवर्तन स्फुलन (commutation sparking) तथा न्यून शक्ति गुणक (low power factor) की समस्या नहीं होती है।


यूनिवर्सल मोटर की डिज़ाइन ए०सी० तथा डी०सी० दोनों के लिए की जाती है, जबकि अन्य मोटर्स में ऐसा नहीं होता है, इसमें दोनों प्रकार के विद्युतों (A.C./D.C.) पर समान सप्लाई वोल्टता के लिए समान गति तथा समान आउटपुट प्राप्त होता है।


इस प्रकार इस मोटर को दोनों में से किसी भी प्रकार की विद्युत का उपयोग करके प्रचालित किया जा सकता है, इसलिए इसे यूनिवर्सल मोटर या सार्वभौमिक मोटर या ए०सी०/डी०सी० मोटर आदि नामों से जाना जाता है।

इसे भी देखे

Working Method of Universal Motor in hindi


जैसा की Single फेज डी०सी० सीरीज मोटर के अध्ययन से आप जानते है कि यदि डी०सी० सीरीज मोटर में समान वोल्टता की ए०सी० सप्लाई दी जाए, तो मोटर जिस दिशा में घूम रहा है उसी दिशा में ही घूमता रहेगा।


इसी प्रकार यूनिवर्सल मोटर में चाहे ए०सी० दी जाए अथवा डी०सी० दी जाए; परन्तु दोनों ही अवस्थाओं में स्टेटर तथा रोटर के फ्लक्सों की पारस्परिक क्रिया (interaction) द्वारा उत्पन्न बलाघूर्ण की दिशा समान होती है। क्योंकि स्टेटर तथा रोटर श्रेणी में जुड़े होने के कारण, दोनों में धारा की दिशा परिवर्तन एक साथ होता है।


यूनिवर्सल मोटर का अनुप्रयोग

Universal Motor Application


इस मोटर का प्रयोग वहा किया जाता है जहा उच्च starting torque व अधिकतम गति आवश्यकता होती है--
  1. सिलाई की मशीन,
  2. फूड मिक्सर,
  3. हेयर ड्रायर्स
  4. ब्लोअर
  5. निर्वात् मार्जक
  6. रसोई घर के उपयन्त्र,
  7. औजारों
  8. Drill machine,
  9. लघु पंखे आदि घरेलू यन्त्र तथा उपयन्त्र में यूनिवर्सल motor का प्रयोग किया जाता है ।
Ji हां दोस्तों , आपने अपना किमती वक्त इस पोस्ट को  पढ़ने में  बिताया इसके लिए आपको धन्यवाद ! आज आप ने यूनिवर्सल मोटर क्या है ? universal motor in Hindi और इसके अनुप्रयोग, के बारे में जाना |  हमें उम्मीद है कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा अगर पसंद आया है तो इसे आप अपने सोशल मिडिया प्लेटफ़ॉर्म पर  जरुर शेयर  करे

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